ग्लास ब्रेक सेंसर कैसे काम करते हैं ?

ग्लास ब्रेक सेंसर कैसे काम करते हैं ?

ग्लास ब्रेक सेंसर कैसे काम करते हैं ?

May 26, 2020

डोर या विंडो सेंसर्स तब अलार्म बजाते हैं जब कोई दरवाजा या खिड़की को खोल कर घर में घुसने की कोशिश करता है लेकिन यदि कोई चोर खिड़की को तोड़ कर घर के अंदर घुस आता है तो सेंसर ट्रिगर नहीं होगा. तो इस तरह की परिस्थिति के लिए glass ब्रेक सेंसर का उपयोग किया जाता है.
Glass break
सेंसर साउंड और vibration को डिटेक्ट करता है सो जब भी कोई चोर या व्यक्ति अगर विंडो को तोड़कर घर के अंदर घुसने की कोशिश करेगा तो ये सेंसर उसके sound vibration को डिटेक्ट कर लेगा और अलार्म बजाने लगेगा.

 

ये सेंसर्स सिक्योरिटी सिस्टम के लिए एक great addition बन कर आयी हैं क्यूंकि ऐसे सेंसर हमेसा एक्टिव मोड में रखे जा सकते हैं; मोशन सेंसर को आप हमेसा एक्टिव नहीं रख सकते हैं.

glass brek sensor

Glass ब्रेक सेंसर के पीछे का साइंस

ग्लास ब्रेक सेंसर का उपयोग वहां किया जाता है जिस घर में बड़ी बड़ी खिड़किया हों या स्लाइडिंग डोर हों. यह सेंसर एक छोटी सी डिवाइस होती है जिसे विंडो पर या उसके पास में कहीं इनस्टॉल कर दिया जाता है. एक ग्लास ब्रेक सेंसर सिर्फ एक ही खिड़की को कवर कर सकता है सो मोशन सेंसर की तरह घर में जितनी विंडोज होगी उन सबको प्रोटेक्ट करने के लिए कई सारे सेंसर्स की आवश्यकता पड़ती है.

ग्लास ब्रेक सेंसर २ प्रकार के होते हैं.

1) शॉक सेंसर
2) Acoustic सेंसर

) शॉक सेंसर – ये सेंसर ग्लास के टूटने के vibration को मॉनिटर करते हैं, ऐसे सेंसर को directly विंडोज पर ही इनस्टॉल किया जाता है. ऐसे सेंसर्स ज्यादातर false अलार्म ट्रिगर करते हैं क्यूंकि ये दरवाजे के vibration से भी टिग्गर हो जाते हैं.

२) Acoustic सेंसर्स – अगर आपको false अलार्म से निजात पाना है तो एकॉस्टिक या ऐसे ग्लास ब्रेक सेंसर का उपयोग करिये जो की जब तक २ प्रकार की आवाज एक साथ नहीं सुन लेते तब तक अलार्म ट्रिगर नहीं करते हैं. ऐसे सेंसर सबसे पहले एक हलकी से आवाज को डिटेक्ट करते हैं और उसके तुरंत बाद अगर जोर से कांच के टूटने की आवाज आयी तभी ट्रिगर्स होते हैं. और ये इन आवाजों को सुनने के लिए electret microphone का उपयोग करते हैं.

सेंस्टिविटी एडजस्ट करना

कभी कभी ग्लास ब्रेक सेंसर घर की काच की चीजे टूटने पर या टीवी पर एक्शन मूवी की आवाज सुनकर भी अलार्म ट्रिगर कर देता है. इससे बचने के लिए इसमें एक ऑप्शन होता है जिससे आप इसके साउंड और वाइब्रेशन के डिटेक्ट करने की sensitivity को लो कर सकते हैं. जिससे यह कुछ हलके साउंड को इग्नोर कर देते हैं.

टेस्टिंग

ग्लास ब्रेक सेंसर को टेस्ट करने के लिए सबसे पहले सेंसर को किसी गिलास की विंडो के पास इनस्टॉल करते हैं और उसके बाद अलार्म सिस्टम को मोबाइल ऐप या रिमोट के से activate करना होता है और फिर उस गिलास की विंडो पर एक मुट्ठी से प्रहार करना होता है, जिससे सेंसर की LED ब्लिंक होने लगेगी लेकिन अलार्म ट्रिगर नहीं होगा. अब हमे किसी चीज से कांच पर जोर से प्रहार करना होता है जिससे कांच टूटकर जमीन में गिर जाये और जैसे ही कांच जमीन में गिरेगा अलार्म ट्रिगर हो जायेगा.

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